भारत बंद: देशभर में व्यापक असर, जनजीवन अस्त-व्यस्त | सड़कों पर प्रदर्शन, रेल-मार्ग बाधित, सेवाएं ठप

नई दिल्ली, 9 जुलाई 2025:
देशभर में आज विभिन्न संगठनों और ट्रेड यूनियनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद ने आम जनजीवन को पूरी तरह से प्रभावित कर दिया है। राजधानी दिल्ली से लेकर राज्यों के दूरदराज इलाकों तक बंद का व्यापक असर देखने को मिला। प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की, कई स्थानों पर आगजनी और पथराव की घटनाएं भी सामने आईं। इस दौरान रेलवे, बैंकिंग, डाक और बिजली जैसी आवश्यक सेवाएं भी ठप रहीं।


सड़कों पर उग्र प्रदर्शन, टायर जलाए गए

भारत बंद के दौरान देश के कई हिस्सों में उग्र प्रदर्शन हुए।

  • बिहार में पटना, गया, समस्तीपुर और आरा जैसे जिलों में प्रदर्शनकारियों ने सड़कों को जाम किया, टायर जलाकर सरकार के खिलाफ विरोध जताया।
  • उत्तर प्रदेश में लखनऊ, बनारस और प्रयागराज में आंदोलनकारियों ने जुलूस निकाले, कुछ जगहों पर सरकारी वाहनों को भी निशाना बनाया गया।
  • पश्चिम बंगाल में कोलकाता और हावड़ा में प्रदर्शनकारियों ने लोकल ट्रेनों को रोका और स्टेशन परिसर में नारेबाजी की।
  • महाराष्ट्र, झारखंड, और पंजाब में भी बंद को आंशिक से लेकर पूर्ण समर्थन मिला।

रेलवे सेवाएं ठप, यात्रियों को हुई भारी परेशानी

रेलवे इस बंद से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक रहा।

  • लगभग 150 से अधिक ट्रेनें रद्द की गई हैं और कई ट्रेनों को डायवर्ट किया गया है।
  • कई रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
  • कुछ स्थानों पर प्रदर्शनकारियों ने ट्रेनों की पटरियों पर बैठकर आवागमन को पूरी तरह रोक दिया।
  • कोलकाता मेट्रो और दिल्ली मेट्रो के कुछ स्टेशनों को अस्थायी रूप से बंद किया गया।

बाजार और मॉल बंद, व्यापारियों में चिंता

भारत बंद का असर व्यापार पर भी स्पष्ट दिखाई दिया।

  • दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, जयपुर, रांची जैसे बड़े शहरों के प्रमुख बाजार पूरी तरह बंद रहे।
  • छोटे दुकानदारों और फुटपाथ व्यापारियों ने भी सुरक्षा कारणों से अपनी दुकानें बंद रखीं।
  • मॉल और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में ग्राहक न के बराबर पहुंचे।

बैंकिंग, बिजली और डाक सेवाएं भी ठप

  • बैंक यूनियनों के समर्थन के कारण कई राष्ट्रीयकृत और प्राइवेट बैंकों में कामकाज पूरी तरह प्रभावित हुआ।
  • ग्राहकों को कैश ट्रांजैक्शन, चेक क्लियरेंस और अन्य बैंकिंग सेवाओं में परेशानी का सामना करना पड़ा।
  • डाक सेवाएं भी बाधित हुईं, जिससे पार्सल और स्पीड पोस्ट डिलीवरी में देरी हुई।
  • कुछ राज्यों में बिजली कर्मचारियों ने कामकाज रोक दिया, जिससे ग्रामीण इलाकों में बिजली आपूर्ति पर असर पड़ा।

सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम, कई गिरफ्तार

राज्यों की पुलिस और प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए थे।

  • कई जगहों पर धारा 144 लागू की गई थी।
  • संवेदनशील इलाकों में पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई।
  • बिहार, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश से कई प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी की खबरें आईं हैं।
  • दिल्ली में कुछ मेट्रो स्टेशनों पर प्रवेश और निकास को बंद कर दिया गया।

बंद की मुख्य वजहें क्या हैं?

भारत बंद के पीछे विभिन्न संगठन और वर्गों की अलग-अलग मांगे हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ प्रदर्शन।
  • सरकारी संपत्तियों के निजीकरण का विरोध।
  • किसानों की ओर से एमएसपी गारंटी कानून की मांग और पुराने कृषि कानूनों की पुनर्वापसी।
  • बिजली संशोधन विधेयक का विरोध।
  • शिक्षा, सरकारी भर्तियों और आरक्षण से जुड़े मुद्दों को लेकर छात्र संगठनों का आक्रोश।

सरकार की प्रतिक्रिया

केंद्र सरकार ने कहा कि भारत बंद लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन इससे आम जनता को असुविधा नहीं होनी चाहिए। गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए हैं।
सरकारी प्रवक्ताओं ने कहा कि बातचीत के माध्यम से मुद्दों का समाधान किया जा सकता है, पर सड़क और रेल रोकना उचित तरीका नहीं है।


निष्कर्ष

भारत बंद 2025 ने यह स्पष्ट कर दिया है कि देश के आम नागरिकों, किसानों, कर्मचारियों और छात्रों के बीच मौजूदा नीतियों को लेकर असंतोष गहराता जा रहा है। अब यह देखना अहम होगा कि सरकार इस विरोध को गंभीरता से लेती है या नहीं।

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