ऑपरेशन सिंदूर, 7 मई 2025 को भारत द्वारा शुरू किया गया एक सर्जिकल मिलिट्री ऑपरेशन है, जो जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में किया गया था। इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई थी, जिसके बाद भारत ने आतंक के ठिकानों पर सीधी कार्यवाही का निर्णय लिया।
🎯 ऑपरेशन के लक्ष्य और कार्रवाई
इस ऑपरेशन का उद्देश्य पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में मौजूद आतंकवादी संगठनों – जैसे जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन – के नौ ठिकानों को नष्ट करना था।
इनमें लश्कर-ए-तैयबा का लूनी क्षेत्र स्थित लॉन्चपैड और पाकिस्तान के मुरिद एयरबेस में बने भूमिगत बंकर शामिल थे। सेटेलाइट इमेजरी द्वारा यह पुष्टि की गई कि भारतीय सेना ने इन ठिकानों को सटीकता के साथ निशाना बनाया।
🧠 नई रणनीति और तकनीक
ऑपरेशन सिंदूर में पहली बार “रेड टीम्स” (Red Teams) का इस्तेमाल किया गया, जो दुश्मन की मानसिकता और संभावित प्रतिक्रिया को समझने और उसके अनुसार रणनीति बनाने में मदद करती हैं।
इसके अलावा, स्वदेशी विकसित आकाशतेर वायु रक्षा प्रणाली (Akashteer Air Defence System) ने ड्रोन और हवाई खतरों को 100% सफलता के साथ निष्क्रिय किया।
🎖️ नाम और प्रतीक का महत्व
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सुझाए गए इस ऑपरेशन का नाम “सिंदूर” रखा गया, जो उन विधवाओं के दर्द और बलिदान को सम्मान देता है जिनके पतियों को आतंकवाद ने छीन लिया।
इस ऑपरेशन का लोगो, लेफ्टिनेंट कर्नल हर्ष गुप्ता और हवलदार सुरिंदर सिंह द्वारा डिज़ाइन किया गया, जिसमें एक सिंदूर की डिब्बी को दर्शाया गया है — बलिदान और श्रद्धांजलि का प्रतीक।
🌐 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रभाव
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने स्पष्ट कहा कि भारत अब आतंक के खिलाफ चुप नहीं बैठेगा, चाहे कोई भी परमाणु धमकी क्यों न दे। भारत की नीति साफ है – आतंक के खिलाफ सख्त और एकतरफा कार्यवाही।
देश में इस ऑपरेशन को लेकर जनभावनाएं भी उभरकर सामने आईं। महाराष्ट्र में एक 19 वर्षीय छात्रा की गिरफ्तारी (ऑपरेशन सिंदूर से संबंधित सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर) पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की आलोचना की और कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान जरूरी है।
