राजस्थान में इस मुहिम को रॉयल राजस्थान शेफ सोसाइटी ने गोद लिया है, जो कि एक रजिस्टर्ड सोसाइटी है और राजस्थान के पारंपरिक खान-पान, शेफ्स और होम कुक्स को यथा संभव सहयोग देने के लिए कार्यरत है। इस मुहिम में “फूडीज़ हैं हम” ग्रुप भी अपना योगदान दे रहा है।
राजस्थान राज्य का फाइनल 7 अक्टूबर 2024 को होटल डी ग्लांस, माली कॉलोनी, उदयपुर के बैंक्वेट हॉल में आयोजित किया गया। इस प्रतियोगिता की राजस्थान कॉर्डिनेटर Dr. Chef संगीता धर और रॉयल राजस्थान शेफ सोसाइटी के अध्यक्ष शेफ विमल धर ने पूरे आयोजन की निगरानी की। इस प्रतियोगिता में 35 होम कुक्स, 12 होटल मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट्स के छात्र और 11 स्कूल के बच्चों ने भाग लिया।
इस अवसर पर डब्बा बंद और रेडी-टू-ईट (पैक्ड फूड) के भविष्य पर विशेष चर्चा की गई। दिल्ली से पधारे शेफ संजय अग्रवाल ने बाजरा सोडा की प्रस्तुति दी, जबकि Dr. Chef संगीता और शेफ देवेंद्र ने बोकनैया को नए अंदाज़ में पेश किया। शेफ विमल और शेफ हिम्मत सिंह ने सहजन के फूलों से एक विशेष डिश बनाई।
प्रतियोगिता में होम कुक श्रेणी की विजेता चेतना मेहता रहीं जिन्होंने बत्तीसी लड्डू तैयार किया। प्रथम रनर अप शिल्पा जैन ने मकई गुलाब जामुन प्रस्तुत किया और द्वितीय रनर अप मुस्कान मनवानी की सागर-बादाम चक्की ने सभी को प्रभावित किया।
छात्र श्रेणी में विजेता शिवाली शर्मा रहीं जिन्होंने पथौरा तैयार किया।
रॉयल राजस्थान शेफ सोसाइटी ने एक नई पहल “क्यूलीनरियन” की घोषणा की, जो होम कुक्स और प्रोफेशनल शेफ्स के बीच की श्रेणी को दर्शाती है। इस नई श्रेणी की पहली विजेता बनीं रश्मी किशोर।
इस प्रतियोगिता का राष्ट्रीय फाइनल जनवरी 2025 में दिल्ली में आयोजित किया जाएगा, जहां विभिन्न राज्यों से चुने गए प्रतिभागी हिस्सा लेंगे। राष्ट्रीय विजेताओं को ₹51,000, ₹31,000, और ₹21,000 के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
मुहिम “कहीं गुम ना हो जाए” हमारे पारंपरिक व्यंजनों और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल हमारे स्वाद को पुनर्जीवित कर रहा है, बल्कि हमें अपनी जड़ों से जोड़ने का एक सुंदर प्रयास भी कर रहा है।