अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर उदयपुर को दूसरे रोप-वे की सौगात मिली। 13.5 करोड़ लागत से तैयार नीमज माता रोप-वे का असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया ने शुभारंभ किया। 430 मीटर लंबे इस रोप-वे में सफर के लिए शहरवासियों और पर्यटकों को आने-जाने के लिए 185 रुपए का किराया चुकाना होगा। अभी 12 ट्रॉलियां लगाई गईं हैं। एक ट्रोली में 8 के हिसाब से एक बार में 72 लोग सफर कर सकेंगे। पर्यटकों की तादात बढ़ने पर ट्रॉलियों की संख्या 12 से बढ़ाकर 16 की जा सकेगी।
मंदिर स्थल तक का सफर रोप-वे से केवल तीन मिनट में पूरा होगा। मंदिर पहुंचने और लौटने पर रोप-वे का अपर टर्मिनल स्थल पर एक मिनट के लिए ठहराव होगा। इस ऊंचाई से पर्यटक शहर और झीलों के आकर्षक नजारा देख सकेंगे।
रोप-वे का संचालन डिजाइन, बिल्ट, ऑनरशिप, ऑपरेट एंड ट्रांसफर (डी-बूट) पर आधारित है। निजी फर्म दामोदर रोप-वे इन्फ्रा लि. 25 साल तक इसका संचालन करेगी। इसके बदले में यूडीए को पहले साल में 90 लाख की आय देगी। इस राशि में हर दो वर्ष में 5% की वृद्धि होगी। इसमें लॉअर टर्मिनल, 4 टावर और अपर टर्मिनल का निर्माण हुआ है। बता दें कि शहर का पहला रोप-वे दूध तलाई और करणी माता की पहाड़ी के बीच बना था। तभी से इसका संचालन किया जा रहा है।
On the auspicious occasion of the consecration of Ram temple in Ayodhya, Udaipur got the gift of second ropeway. Neemaj Mata Ropeway, built at a cost of Rs 13.5 crore, was inaugurated by Assam Governor Gulabchand Kataria. To travel in this 430 meter long ropeway, city residents and tourists will have to pay a fare of Rs 185. Currently 12 trolleys have been installed. At the rate of 8, 72 people will be able to travel at a time in a trolley. As the number of tourists increases, the number of trolleys can be increased from 12 to 16.
The journey to the temple site will be completed in just three minutes by ropeway. On reaching and returning to the temple, the ropeway will stop for one minute at the upper terminal site. From this height tourists will be able to see attractive views of the city and lakes.
The operation of the ropeway is based on Design, Build, Own, Operate and Transfer (D-BOOT). Private firm Damodar Rope-way Infra Ltd. It will operate for 25 years. In return, UDA will get an income of Rs 90 lakh in the first year. This amount will increase by 5% every two years. In this, Lower Terminal, 4 towers and Upper Terminal have been constructed. Let us tell you that the first ropeway of the city was built between Doodh Talai and Karni Mata hill. It is being operated since then.